अमिताभ बच्चन की जीवनी हिंदी में, Amitabh Bachchan Biography In Hindi

Hello, Friends.., आज की इस पोस्ट में हमलोग बहुत बड़े superstar अमिताभ बच्चन के बारे में जानेंगे. और उनका carrier फ़िल्मी अभिनेता बनने तक के बारे में जानेंगे .

अमिताभ बच्चन हिन्दी फिल्मों के अभिनेता हैं। हिन्दी सिनेमा में चार दशकों से ज्यादा का वक्त बिता चुके अमिताभ बच्चन को उनकी फिल्मों से ‘एंग्री यंग मैन’ की उपाधि प्राप्त है। वे हिन्दी सिनेमा के सबसे बड़े और सबसे प्रभावशाली अभिनेता माने जाते हैं। उन्हें लोग ‘सदी के महानायक’ के तौर पर भी जानते हैं और प्‍यार से बिगबी, शहंशाह भी कहते हैं। सर्वश्रेष्ठ अभिनेता के तौर पर उन्हें 3 बार राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार मिल चुका है। इसके अलावा 14 बार उन्हें फिल्मफेयर अवार्ड भी मिल चुका है। फिल्मों के साथ साथ वे गायक, निर्माता और टीवी प्रिजेंटर भी रहे हैं। भारत सरकार ने उन्हें पद्मश्री और पद्मभूषण सम्मान से भी नवाजा है।


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Amitabh bachchan 



पूरा नाम  – अमिताभ हरिवंश राय बच्चन

जन्म      – 11 अक्टूबर, 1942

जन्मस्थान – इलाहाबाद

पिता      – हरिवंशराय बच्चन

माता      – तेजी बच्चन

विवाह    – अभिनेत्री जया भादुड़ी से हुआ

सन्तान   – अभिषेक बच्चन, श्वेता नंदा

  •  अमिताभ बच्चन 'सदी के महानायक' कहे जाते हैं। वे हिन्दी फिल्मों के सबसे बड़े सुपरस्टार माने जाते हैं।
  •  उन्हें असली पहचान फिल्म 'जंजीर' से मिली थी। यह फिर अमिताभ से पहले कई बड़े अभिनेताओं को ऑफर हुई थी जिसमें मशहूर अभिनेता राजकुमार भी शामिल थे लेकिन राजकुमार ने इस फिल्म को यह कहकर ठुकरा दिया था कि डायरेक्‍टर के बालों के तेल की खुशrबू अच्‍छी नहीं है।
  •  70 और 80 के दौर में फिल्‍मी सीन्‍स में अमिताभ बच्‍चन का ही आधिपत्‍य था। इस वजह से फ्रेंच डायरेक्‍टर फ़्राँस्वा त्रुफ़ो ने उन्‍हें 'वन मैन इंडस्‍ट्री' तक करार दिया था।
  •  अपने करियर के दौरान उन्‍होंने कई पुरस्‍कार जीते हैं जिसमें सर्वश्रेष्‍ठ अभिनेता के तौर पर 3 राष्‍ट्रीय फिल्‍म पुरस्‍कार भी शामिल है। इंटरनेशनल फिल्‍म फेस्टिवल्‍स और कई अवार्ड समारोहों में उन्‍हें कई पुरस्‍कारों से सम्‍मानित किया गया है। वे 14 फिल्‍मफेयर पुरस्‍कार भी जीत चुके हैं। उन्‍हें फिल्‍मफेयर में सबसे ज्‍यादा 39 बार नामांकित किया जा चुका है।
  •  फिल्‍मों में बोले गए उनके डॉयलाग आज भी लोगों के दिलों में ताजा हैं। उनके सुपरहिट करियर में उनके फिल्‍मस के डॉयलाग्‍स का भी अ‍हम रोल रहा है।
  •  उन्‍हें भारत सरकार की तरफ से 1984 में पद्मश्री, 2001 में पद्मभूषण और 2015 में पद्मविभूषण जैसे सम्‍मान मिल चुके हैं।
  •  करियर के शुरूआती दौर में उन्‍हें काफी दिक्‍कतों का सामना करना पड़ा था। उनकी फिल्‍में लगातार फलाप हो रही थीं तब वे वापिस घर लौटने का मन बना चुके थे लेकिन फिल्‍म जंजीर उनके करियर का टर्निंग प्‍वाइंट बन गई और फिल्‍म इंडस्‍ट्री में 'एंग्री यंग मैन' का उदय हुआ।
  •  आज जिस अमिताभ बच्‍चन के आवाज की पूरी दुनिया कायल है, एक समय था जब उनकी आवाज उनके करियर में रोड़ा बन रही थी और उन्‍हें नकार दिया गया था लेकिन बाद में उनकी आवाज ही उनकी ताकत बनी और उनकी आवाज औरों से काफी जुदा और भारी थी, इस वजह से उन्‍हें कई निर्देशकों ने कई फिल्‍मों में अपनी कहानी को नैरेट तक करवाया। कई प्रोग्राम्‍स को उन्‍होंने भी होस्‍ट किया.
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अमिताभ बच्चन का जन्म उत्तर प्रदेश के इलाहाबाद जिले में हुआ था। उनके पिता का नाम हरिवंश राय बच्चन था। उनके पिता हिंदी जगत के मशहूर कवि रहे हैं। उनकी मां का नाम तेजी बच्चन था। उनके एक छोटे भाई भी हैं जिनका नाम अजिताभ है। अमिताभ का नाम पहले इंकलाब रखा गया था लेकिन उनके पिता के साथी रहे कवि सुमित्रानंदन पंत के कहने पर उनका नाम अमिताभ रखा गया।



अमिताभ बच्चन शेरवुड कॉलेज, नैनीताल के छात्र रहे हैं। इसके बाद की पढ़ाई उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय के किरोरीमल कॉलेज से की थी। पढ़ाई में भी वे काफी अव्‍वल थे और कक्षा के अच्‍छे छात्रों में उनकी गिनती होती थी। कहीं ना कहीं ये गुण उनके पिताजी से ही आए थे क्‍योंकि वे भी जानेमाने कवि रहे थे।

अमिताभ बच्चन की शादी जया बच्चन से हुई जिनसे उन्हें दो बच्चे हैं। अभिषेक बच्चन उनके सुपुत्र हैं और श्वेता नंदा उनकी सुपुत्री हैं। रेखा से उनके अफेयर की चर्चा भी खूब हुई और लोगों के गॉसिप का विषय बनी।

अमिताभ बच्चन की शुरूआत फिल्मों में वॉयस नैरेटर के तौर पर फिल्म 'भुवन शोम' से हुई थी लेकिन अभिनेता के तौर पर उनके करियर की शुरूआत फिल्म 'सात हिंदुस्तानी' से हुई। इसके बाद उन्होंने कई फिल्में कीं लेकिन वे ज्यादा सफल नहीं हो पाईं। फिल्म 'जंजीर' उनके करियर का टर्निंग प्वाइंट साबित हुई। इसके बाद उन्होंने लगातार हिट फिल्मों की झड़ी तो लगाई ही, इसके साथ ही साथ वे हर दर्शक वर्ग में लोकप्रिय हो गए और फिल्म इंडस्ट्री में अपने अभिनय का लोहा भी मनवाया।

सात हिंदुस्तानी, आनंद, जंजीर, अभिमान, सौदागर, चुपके चुपके, दीवार, शोले, कभी कभी, अमर अकबर एंथनी, त्रिशूल, डॉन, मुकद्दर का सिकंदर, मि. नटवरलाल, लावारिस, सिलसिला, कालिया, सत्ते पे सत्ता, नमक हलाल, शक्ति, कुली, शराबी, मर्द, शहंशाह, अग्निपथ, खुदा गवाह, मोहब्बतें, बागबान, ब्लैक, वक्त, सरकार, चीनी कम, भूतनाथ, पा, सत्याग्रह, शमिताभ जैसी शानदार फिल्मों ने ही उन्हें सदी का महानायक बना दिया।




1. पद्म भूषण
2. फिल्म फेयर पुरस्कार
3. राष्ट्रीय पुरस्कार
4. पदमश्री

और भी बहुत से सम्मान ...

फिल्मफेयर (FilmFare Awards) पुरस्कार


1971- बेस्ट सपोर्टिंग एक्टर (आनंद)
1973- बेस्ट सपोर्टिंग एक्टर (नमक हराम)
1977- बेस्ट एक्टर (अमर अकबर एंथनी)
1978- बेस्ट एक्टर (डॉन)
1990- फिल्मफेयर लाइफ टाइम अचीवमेंट अवॉर्ड
1991- बेस्ट एक्टर (हम)
2000- Millenium Superstar
2000- बेस्ट सपोर्टिंग एक्टर (मोहब्बतें)
2001- क्रिटिक्स अवॉर्ड (अक्स)
2003–फिल्मफेयर पॉवर अवॉर्ड
2005–क्रिटिक्स अवॉर्ड (ब्लैक)
2005- बेस्ट एक्टर (ब्लैक)
2010–बेस्ट एक्टर (पा)
2011– फिल्मफेयर स्पेशल अवॉर्ड 
(फिल्म जगत में 40 साल पूरा करने के लिए)
2016- बेस्ट एक्टर (पीकू)

आईफा (IIFA - International Indian Film Academy 
Awards) पुरस्कार


2000- स्पेशल मानद पुरस्कार
2001- बेस्ट सपोर्टिंग एक्टर (मोहब्बतें)
2002- बेस्ट पर्सनालिटी ऑफ द ईयर
2006- बेस्ट एक्टर (ब्लैक)
2010- बेस्ट एक्टर (पा)


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Amitabh Bachchan 


एशियन फिल्म अवॉर्ड : -
2010 में हुए चौथे एशियन फिल्म पुरस्कार में 
लाइफ टाइम एचीवमेंट अवॉर्ड
पद्म भूषण- 2001
पद्म श्री- 1984
पद्म विभूषण- 2015
नेशनल फिल्म अवॉर्ड
बेस्ट एक्टर- पीकू (2015), पा (2009),
 ब्लैक (2005), अग्निपथ (1990)
स्क्रीन अवॉर्ड- जोड़ी नंबर वन (2003 बागवान)


बॉलीवुड के महानायक अमिताभ बच्चन (Amitabh Bachchan) को दादा साहेब फाल्के पुरस्कार 

(Dadasaheb Phalke Award) से सम्मानित किया जाएगा. सूचना और प्रसारण मंत्री ने यह जानकारी दी है.

 केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि आम राय से अमिताभ बच्चन (Amitabh Bachchan) का नाम चुना गया है

उनकी फिल्‍में अच्‍छा बिजनेस कर रही थीं कि अचानक 26 जुलाई 1982 को कुली फिल्‍म की शूटिंग के दौरान उन्‍हें गंभीर चोट लगी गई। 
दरअसल, फिल्‍म के एक एक्‍शन दृश्‍य में अभिनेता पुनीत इस्‍सर को अमिताभ को मुक्‍का मारना था और उन्‍हें मेज से टकराकर जमीन पर गिरना था। लेकिन जैसे ही वे मेज की तरफ कूदे, मेज का कोना उनके आंतों में लग गया जिसकी वजह से उनका काफी खून बह गया और स्‍थिति इतनी गंभीर हो गई कि ऐसा लगने लगा कि वे मौत के करीब हैं लेकिन लोगों की दुआओं की वजह से वे ठीक हो गए।
कुली में लगी चोट के बाद उन्‍हें लगा कि वे अब फिल्‍में नहीं कर पाएंगे और उन्‍होंने अपने पैर राजनीति में बढ़ा दिए। उन्‍होंने 8वें लोकसभा चुनाव में अपने गृह क्षेत्र इलाहाबाद की सीट से उ.प्र. के पूर्व मुख्‍यमंत्री एचएन बहुगुणा को काफी ज्‍यादा वोटों से हराया। राजनीति में ज्‍यादा दिन वे नहीं टिक सके और फिर उन्‍होंने फिल्‍मों को ही अपने लिए उचित समझा। जब उनकी कंपनी एबीसीएल आर्थिक संकट से जूझ रही थी तब उनके मित्र और राजनी‍तिज्ञ अमर सिंह ने उनकी काफी मदद की थी। बाद में अमिताभ ने भी अमर सिंह की समाजवादी पार्टी को काफी सहयोग किया। उनकी पत्‍नी जया बच्‍चन ने समाजवादी पार्टी को ज्‍वाइन कर लिया और वे राज्‍यसभा की सदस्‍य बन गईं। अमिताभ ने पार्टी के लिए कई विज्ञापन और राजनीतिक अभियान भी किए।
               फिल्‍मेां से एक बार फिर उन्‍होंने वापसी की और फिल्‍म 'शहंशाह' हिट हुई। इसके बाद उनके अग्निपथ में निभाए गए अभिनय को भी काफी सराहा गया और इसके लिए उन्‍हें राष्‍ट्रीय फिल्‍म पुरस्‍कार भी मिला लेकिन उस दौरान बाकी कई फिल्‍में कोई खास कमाल नहीं दिखा स‍कीं।

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फिल्‍मों में तगड़ी वापसी:-

2000 में आई मोहब्‍बतें उनके डूबते करियर को बचाने में काफी मददगार साबित हुई और फिल्‍म को और उनके अभिनय को काफी सराहा गया। इसके बाद उन्‍होंने कई फिल्‍मों में काम किया जिसे आलोचकों के साथ साथ दर्शकों ने भी काफी पसंद किया।

2005 में आई फिल्‍म 'ब्‍लैक' में उन्‍होंने शानदार अभिनय किया और उन्‍हें राष्‍ट्रीय फिल्‍म पुरस्‍कार से एक बार फिर सम्‍मानित किया गया।

फिल्‍म पा में उन्‍होंने अपने बेटे अभिषेक बच्‍चन के ही बेटे का किरदार निभाया। फिल्‍म को काफी पसंद किया गया और एक बार फिर उन्‍हें राष्‍ट्रीय फिल्‍म पुरस्‍कार से नवाजा गया।
 वे काफी लंबे समय से गुजरात पर्यटन के ब्रांड एंबेसडर भी हैं।
उन्‍होंने टीवी की दुनिया में भी बुलंदियों के झंडे गाड़े हैं और उनके द्वारा होस्‍ट किया गया KBC कौन बनेगा करोड़पति बहुत पापुलर हुआ। इसने टीआरपी के सारे रिकार्ड तोड़ दिए और इस प्रोग्राम के जरिए कई लोग करोड़पति बने।

सामाजिक कार्यों में आगे:-

 इन सबके इतर अमिताभ बच्‍चन लोगों की मदद के लिए भी हमेशा आगे खड़े रहते हैं। वे सामाजिक कार्यों में काफी आगे रहते हैं। कर्ज में डूबे आंध्रप्रदेश के 40 किसानों को अमिताभ ने 11 लाख रूपए की मदद की। ऐसे ही विदर्भ के किसानों की भी उन्‍होंने 30 लाख रूपए की मदद की। इसके अलावा और भी कई ऐसे मौके रहे हैं जिसमें अमिताभ ने दरियादिली दिखाई है और लोगों की मदद की है।
           जून 2000 में वे पहले ऐसे एशिया के व्‍यक्ति थे जिनकी लंदन के मैडम तुसाद संग्रहालय में वैक्‍स की मूर्ति स्‍थापित गई थी।
  अमिताभ बच्‍चन: द लिजेंड 1999 में, टू बी ऑर नॉट टू बी: अमिताभ बच्‍चन 2004 में, एबी: द लिजेंड (ए फोटोग्राफर्स ट्रिब्‍यूट) 2006 में, अमिताभ बच्‍चन: एक जीवित किंवदंती 2006 में, अमिताभ: द मेकिंग ऑफ ए सुपरस्‍टार 2006 में, लुकिंग फॉर द बिग बी: बॉलीवुड, बच्‍चन एंड मी 2007 में और बच्‍चनालिया 2009 में प्रकाशित हुई हैं।
                   वे शुद्ध शाकाहारी हैं और 2012 में 'पेटा' इंडिया द्वारा उन्‍हें 'हॉटेस्‍ट वेजिटेरियन' करार दिया गया। पेटा एशिया द्वारा कराए गए एक कांटेस्‍ट पोल में एशिया के सेक्सियस्‍ट वेजिटेरियन का टाईटल भी उन्‍होंने जीता। 

            उम्मीद करता हूँ  अमिताभ बच्चन की बायोग्राफी hindi में आपलोगों को अच्छी लगी होगी. अपने फ्रेंड्स या अपने relatives को शेयर करके उनको ज़रूर बताएं.

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