Sachin Tendulkar की जीवनी, जानिए महान क्रिकेटर सचिन 

तेंदुलकर के बारे में 

हेल्लो फ्रेंड्स,, आज क्रिकेट मैच देखना और खेलना किसे पसंद नहीं है है. हर कोई क्रिकेट मैच खेलता है, यहाँ  तक की लड़कियां(औरतें) भी क्रिकेट की दुनिया में महारथ हाशिल की है, आज भारत की पास खुद एक भारतीय महिला क्रिकेट टीम है, कई शितारे खेल की दुनिया में अपना परचम लहरा चुके हैं. तथा कई को भारत की सबसे बड़ी अवार्ड्स भारत रत्न से नवाज़ा भी गया है. आज उन्ही शितारों में से एक क्रिकेट की दुनिया में पहचान बनाने वाले भारत की तरफ से खेलने वाले सचिन तेंदुलकर जिनको भारत रत्न से सम्मानित भी किया गया है, उनके बारे में पूरी डिटेल से जानेंगे, 


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Sachin Tendulkar

               एक मध्यम वर्ग परिवार में पैदा हुए सचिन ने अपनी शिक्षा मुंबई के शारदाश्रम विश्वविद्यालय में की. इनके भाई अजित तेंदुलकर ने इनकी प्रतिभा को जानकर बचपन से ही इनके अन्दर क्रिकेट के गुणों का समावेश किया और इनको क्रिकेट की बारीकियो को समझाते हुए इनका मार्गदर्शन किया.
इनके पिता ने इनका दाखिला क्रिकेट के ‘द्रोणाचार्य’ कहे जाने वाले रमाकांत आचरेकर के यहाँ करा दिया जिन्होंने सचिन के क्रिकेट प्रतिभा को अच्छी तरह से निखारा.वही सचिन तेज गेदबाजी सीखने के लिए M.R.F. Foundation के ट्रेनिंग कैंप में गये जहाँ उन्हें तेज गेदबाजी के कोच डेनिस लिली ने अपनी बल्लेबाजी पर पूरा ध्यान देने के लिए कहा और तब से सचिन बल्लेबाजी करने लगे.सचिन के कोच रमेश आचरेकर का सचिन को अभ्यास कराने का तरीका बिल्कुल अनोखा था. वह क्रीज पर विकेट के नीचे 1 रूपये का सिक्का रखते थे. अगर किसी गेदबाज ने सचिन को आउट कर दिया तो यह सिक्का उस गेदबाज का हो जाता था और अगर सचिन आउट नहीं हुए तो यह सिक्का सचिन का हो जाता था. सचिन ने अपने गुरु से ऐसे ही 13 सिक्के जीते जो अभी भी सचिन के पास है. इस तरह से सचिन के गुरु ने सचिन को बल्लेबाजी में निपुण बनाया.

नाम :  सचिन रमेश तेंदुलकर (Sachin Tendulkar)
जन्म दिनांक :  24 एप्रिल, 1973
जन्म स्थान :  मुंबई, भारत
पिता का नाम :  रमेश तेंदुलकर
माता का नाम :  रजनी
पत्नी :   अंजली तेंदुलकर
संतान :    2 बच्चे, सारा और अर्जुन
बल्लेबाज़ी शैली :   दाएँ हाथ
गेंदबाज़ी शैली :   दायें हाथ के लेग स्पिन एवं मध्यम तेज़ गेंदबाज़ी
राष्ट्रीयता :  भारतीय
सम्मान और पुरस्कार :   पद्म श्री, राजीव गाँधी खेल रत्न पुरस्कार, पद्म विभूषण, भारत रत्न
 सचिन के नाम अन्तर्राष्ट्रीय क्रिकेट में 100 शतक :-
एकदिवसीय अन्तर्राष्ट्रीय क्रिकेट इतिहास में दोहरा शतक जड़ने वाले वह पहले खिलाड़ी है।वनडे अन्तर्राष्ट्रीय क्रिकेट मुकाबलों में 18426 सबसे ज्यादा रन है।वनडे अन्तर्राष्ट्रीय क्रिकेट मुकाबलों में सबसे ज्यादा 51 शतक।वनडे अन्तर्राष्ट्रीय क्रिकेट मुकाबलों में सबसे ज्यादा रन।टेस्ट अन्तर्राष्ट्रीय क्रिकेट मुकाबलों में सबसे ज्यादा 49 शतक।टेस्ट अन्तर्राष्ट्रीय क्रिकेट मुकाबलों में 15921 सबसे ज्यादा रन है।सबसे अधिक वनडे अन्तर्राष्ट्रीय क्रिकेट मैच (463) खेलने वाले एकमात्र खिलाडी।सबसे अधिक टेस्ट अन्तर्राष्ट्रीय क्रिकेट मैच (200) खेलने वाले एकमात्र खिलाडी।टेस्ट अन्तर्राष्ट्रीय क्रिकेट मुकाबलों में 13000 रन बनाने वाले विश्व के पहले बल्लेबाज।वनडे अन्तर्राष्ट्रीय क्रिकेट मुकाबलों में 16000 रन बनाने वाले विश्व के पहले बल्लेबाज।वनडे अन्तर्राष्ट्रीय क्रिकेट मुकाबलों में सबसे ज्यादा मैन ऑफ द सीरीज।वनडे अन्तर्राष्ट्रीय क्रिकेट मुकाबलों में सबसे ज्यादा मैन ऑफ द मैच।अन्तर्राष्ट्रीय क्रिकेट मुकाबलों में सबसे ज्यादा 34000 हजार से ज्यादा रन बनाने वाले पहले खिलाडी।सबसे ज़्यादा समय तक अन्तर्राष्ट्रीय क्रिकेट का कैरियर।

सचिन तेन्दुलकर की शिक्षा – Sachin Tendulkar Education
अपनी शुरुआती दिनों में सचिन तेंदुलकर जी पढ़ाई में काफी अच्छे नहीं थे। वे एक मध्यम श्रेणी के विद्यार्थी थे। इनकी शुरुआती शिक्षा बांद्रा की इंडयिन एजुकेशन सोसायटी की न्यू इंग्लिश स्कूल में हुई थी। वहीं बाद में महान क्रिकेटर और प्रसिद्ध कोच रमाकांत आचरेकर जी ने सचिन तेंदुलकर जी की क्रिकेट खेल प्रतिभा से प्रभावित होकर उन्हें दादर के ही शारदाश्रम विद्या मंदिर हाईस्कूल की पढ़ाई पूरी करने की सलाह दी, दरअसल इस स्कूल की क्रिकेट टीम काफी अच्छी है और इस स्कूल से कई प्रतिष्ठित और बड़े खिलाड़ी भी निकले हैं।
इसके बाद हायर एजुकेशन के लिए सचिन तेंदुलकर जी मुंबई के खालसा कॉलेज चले गए और फिर इन्होंने अपनी पढ़ाई को बीच में ही रोक दिया और क्रिक्रेट के क्षेत्र में न सिर्फ अपना करियर बनाया, बल्कि दुनिया को अपने क्रिकेट खेलने के कौशल से हैरत में डाल दिया। उनकी विलक्षण और अद्भुत क्रिकेट खेल प्रतिभा के चलते ही आज उन्हें ”क्रिकेट के भगवान” की संज्ञा दी जाती है।
पुरूस्कार और सम्मान (Sachin Tendulkar Awards) 
1994    – अर्जुन पुरस्कार, खेल में उनके उत्कृष्ट उपलब्धि के सम्मान में भारत सरकार द्वारा1997-98 – राजीव गांधी खेल रत्न, खेल में उपलब्धि के लिए दिए गए भारत के सर्वोच्च सम्मान1999    – पद्मश्री, भारत के चौथे सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार2001    – महाराष्ट्र भूषण पुरस्कार, महाराष्ट्र राज्य के सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार2008    – पद्म विभूषण, भारत का दूसरा सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार2014    – भारत रत्न, भारत के सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार

सचिन तेंदुलकर जी का क्रिकेट की दुनिया में आगमन – Sachin Tendulkar Career
जब सचिन जी महज 11 साल के थे, तभी उन्होंने क्रिकेट खेलना शुरु कर दिया था। वहीं शिवाजी पार्क में जब सचिन अपने गुरु रमाकांत आचरेकर जी के मार्गदर्शन में क्रिकेट की प्रैक्टिस करते थे तो उनके कोच स्टंप पर एक रुपए का सिक्का रख देते थे। और कहते थे कि जो भी गेंदबाज सचिन को आउट करेगा तो ये सिक्का उसका हो जाएगा और अगर कोई गेंदबाज ऐसा करने में असमर्थ रहा तो ये सिक्का सचिन का होगा और इस तरह कड़ी मेहनत और लगन से सचिन ने अपने क्रिकेट के अभ्यास के दौरान करीब 13 सिक्के जीते थे, जो कि आज भी उन्होंने काफी संजो कर रखे हैं, ये सिक्के उनके लिए काफी महत्वपूर्ण हैं।


             सचिन के क्रिकेट खेलने के हुनर से प्रभावित रमाकांत आचरेकर जी, स्कूल के अलावा भी उन्हें अतिरिक्त समय में क्रिकेट की ट्रेनिंग देते थे। वहीं सचिन भी अपनी गुरु की बातों को गंभीरता से लेकर कड़ी मेहनत से प्रैक्टिस करते थे। वहीं सचिन तेंदुलकर के नाम पार्टनरशिप का बेहतरीन रिकॉर्ड भी दर्ज है, जो कि उन्होंने शारदाश्रम विद्या मंदिर  में विनोद कांबली के साथ मिलकर 664 रन बनाकर बनाया था, जिसमें से 329 रन उन्होंने खुद बनाए थे।वहीं अपनी क्रिकेट खेल प्रतिभा के चलते वे स्कूल के दिनों में ही काफी लोकप्रिय हो गए थे और फिर बाद में सचिन और विनोद कांबली काफी अच्छे दोस्त भी बन गए थे। वहीं आपको बता दें कि सचिन का क्रिकेट के प्रति रुझान देखते हुए उनकी बहन सविता ने उन्हें पहला बल्ला गिफ्ट में दिया था।मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर जी के बारे में यह भी कहा जाता है कि वे अपने क्रिकेट के शुरुआती दिनों में एक तेज गेंदबाज बनना चाहते थे, लेकिन जब वे एम.आर. एफ पेस फाउंडेशन  के पास गए तो वहां के कोच श्री डेनिस लिली ने उन्हें बल्लेबाजी करने के लिए कहा और फिर बाद में वे विश्व के सबसे श्रेष्ठतम बल्लेबाज के रुप में उभरे।
 
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Sachin Tendulkar Playing A Shot
 

            सचिन तेंदुलकर जी की अद्भुत खेल प्रतिभा से हर खिलाड़ी को प्रेरणा लेने की जरूरत है, उन्होंने बेहद कम उम्र से ही अपनी खेल कौशल को निखारने और अपने महान क्रिकेटर बनने के सपने को पूरा करने के लिए कड़ी मेहनत करनी शुरु कर दी थी। हालांकि, उन्हें इस मुकाम तक पहुंचाने के लिए उनके पिता, बड़े भाई और उनके कोच रमाकांत आचरेकर जी ने उनका काफी सहयोग दिया है।साल 1988 में भारत के इस महान क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर जी ने स्टेट लेवल के मैच में मुंबई की तरफ से खेलकर अपने करियर की पहली सेंचुरी मारी थी। वहीं पहले ही मैच में उनका नेशनल टीम के लिए चयन किया गया था। इसके करीब 11 महीने के बाद उन्होंने पहली बार भारतीय टीम की तरफ से पाकिस्तान के खिलाफ इंटरनेशनल मैच खेला था, जो कि उस समय की सबसे बेहतरीन टीम में से एक मानी जाती थी।इसी सीरीज में पहली बार सचिन ने साल 1990 में वनडे टेस्ट मैच खेला। इसके साथ ही सचिन ने इंग्लैंड के खिलाफ 119 रनों की शानदार पारी खेलकर कम उम्र में सेंचुरी मारने का रिकॉर्ड अपने नाम किया था।
                 सचिन जी के वनडे मैच में शानदार प्रदर्शन से प्रभावित होकर इन्हें साल 1996 में वर्ल्ड कपमें टीम इंडिया का कैप्टन बना दिया गया। हालांकि, इसके 2 साल बाद साल 1998 में ही सचिन तेंदुलकर जी ने कप्तानी छोड़ दी थी, लेकिन साल 1999 में उन्हें फिर से इंडियन टीम का कैप्टन बनाया गया। आपको बता दें कि कैप्टनशिप के दौरान सचिन ने 25 में से सिर्फ 4 ही टेस्ट मैच में ही सफलता हासिल की थी, जिसके चलते उन्होंने फिर कभी कैप्टनशिप नहीं करने का फैसला लिया था।
  • साल 2001 में सचिन तेंदुलकर ऐसे पहले क्रिकेटर बने, जिन्हें वन डे मैच में 10 हजार रन बनाए।
  • साल 2003 में, सचिन तेंदुलकर जी ने 11 मैचों में करीब 673 रन बनाए और टीम इंडिया को जीत के करीब तक पहुंचाने वाले सभी के पसंदीदा खिलाड़ी बन गए। यह वर्ल्ड कप इंडिया और ऑस्ट्रेलिया के बीच हुआ था, जिसमें भारत जीत नहीं सका था, हालांकि सचिन को इसमें मैन ऑफ द मैच के खिताब से नवाजा गया था। वहीं इसके बाद सचिन तेंदुलकर जी की ख्याति काफी बढ़ गई थी, और अब तक वे सबके चहेते खिलाड़ी बन चुके थे।
  • भारत के इस महान खिलाड़ी सचिन तेंदुलकर जी ने कई मैच खेलें और इस दौरान उन्हें कई संघर्षों का भी सामना करना पड़ा। हांलाकि, इन सबका सचिन तेंदुलकर पर कोई असर नही पड़ा और वे लगातार अपने खेल कौशल को निखारने में लगे रहे।
  • साल 2007 में मास्टर ब्लास्टर ने टेस्ट मैच में 11 हजार रन बनाने का शानदार रिकॉर्ड बनाया एवं साल 2011 में हुए वर्ल्ड कप में उन्होंने बेहतरीन पारी खेलते हुए डबल सेंचुरी मारकर सीरीज में 482 रन बनाए। और इसी के साथ यह वर्ल्ड कप भारत के नाम रहा।
  • सचिन तेंदुलकर, अपने करियर में खेले गए सभी वर्ल्डकप में 2 हजार रन और 6 सेंचुरी मारने वाले पहले क्रिकेटर हैं।
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सचिन तेंदुलकर जी का वैवाहिक जीवन – Sachin Tendulkar Marriage
सचिन तेंदुलकर जी जब 17 साल के थे, तब वे पहली बार अंजली तेंदुलकर से मुंबई एयरपोर्ट पर मिले थे, और फिर इसके करीब 5 साल बाद दोनों ने एक-दूसरे से शादी कर ली थी। आपको बता दें कि अंजली तेंदुलकर एक मशहूर बिजनेसमैन अशोक मेहता की बेटी हैं जो कि एक शिशु रोग विशेषज्ञ हैं।
वहीं एक मेडिकल छात्रा होने के चलते शुरुआत में तो अंजली तेंदुलकर की क्रिकेट के क्षेत्र में कोई खास रुचि नहीं थी, और उन्हें यह भी नहीं पता था कि सचिन एक क्रिकेटर हैं। हालांकि बाद में अंजली जी क्रिकेट में रुचि लेने लगी थीं। वहीं सचिन ने काफी कम उम्र में ही अपनी अद्भुत क्रिकेट खेल प्रतिभा से अपनी एक अलग पहचान बना ली थी।
इसलिए दोनों का मिलना इतना आसान नहीं था, क्योंकि ये दोनों जहां पर भी जाते थे, वहां उन दोनों को फैन घेर लेते थे। वहीं शादी से पहले जब सचिन अपने इंटरनेशनल ट्रिप पर व्यस्त रहते थे, तब अंजली सचिन से बात करने के लिए लव लैटर भी लिखती थीं। 24 मई, 1995 में दोनों एक दूसरे से शादी के बंधन में बंध गए थे। शादी के बाद दोनों को दो बच्चे पैदा हुए जिनके नाम सारा तेंदुलकर और अर्जुन तेंदुलकर है। आज उनका परिवार एक खुशहाल जीवन जी रहा है।
सचिन तेन्दुलकर जी से जुड़ी कुछ रोचक और महत्वपूर्ण तथ्य – Facts about Sachin Tendulkar
  • अंतराष्ट्रीय क्रिकेट में सबसे कम उम्र में डेब्यू करने एवं लगातार 185 वन डे मैच खेलने के साथ विदेशी सरजमीं पर में टेस्ट मैचों में सबसे ज्यादा 8705 रन बनाने का रिकॉर्ड सचिन तेंदुलकर के नाम हैं।
  • इसके अलावा मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर के नाम 90 अलग-अलग मैदानों में खेलने का भी रिकॉर्ड दर्ज है।
  • सचिन के पिता रमेश तेंदुलकर जी ने मशहूर संगीतकार सचिन देव वर्मन के नाम पर उनका नाम सचिन रखा था।
  • वे भारतीय संसद में राज्यसभा के सदस्य भी रह चुके हैं। इसके साथ ही वे पहले ऐसे भारतीय खिलाड़ी हैं जिनकी लंदन के मैडम तुसाद म्यूजियम में एक मोम की प्रतिमा स्थापित की गई है।
  • सचिन तेंदुलकर अपने लैफ्ट हैंड से लिखते है, जबकि गेंदबाजी और बल्लेबाजी वे अपने राइट हैंड से करते हैं।
  • सचिन तेंदुलकर को नींद में चलने और बोलने की अजीब बीमारी है।
  • सचिन तेंदुलकर गणेश चतुर्थी के पर्व को साल का सबसे अहम दिन मानते हैं।
  • साल 2003 में सचिन तेंदुलकर जी ने बॉलीवुड फिल्म ”स्टम्पड” में बेहतरीन अभिनय किया था।
  • भारत के इस महान खिलाड़ी सचिन तेंदुलकर जी ने आज क्रिकेट से संयास जरूर ले लिया है, लेकिन आज भी लोगों के दिल में उनके लिए उतना है प्यार और सम्मान है।
  • मुंबई के ब्रेबॉर्न स्टेडियम में 1988 में खेले एक दिवसीय अभ्यास मैच में सचिन तेंदुलकर ने पाकिस्तान के लिए फ़ील्डिंग की थी.
  • सचिन तेंडुलकर Left Hander हैं। जी हां, यह सच है। वैसे तो सचिन सीधे हाथ से बल्लेबाजी करते हैं। बॉलिंग में भी उनका सीधा हाथ काम करता है, लेकिन Autograph देने के लिए वे बायें हाथ का इस्तेमाल करते हैं।
  • Dennis Lillee और सचिन तेंदुलकर के रिश्ते पर काफ़ी बात हुई है. M.R.F के फाउंडर लिली ने ही सचिन को गेंदबाजी छोड़ बल्लेबाजी पर ध्यान देने की सलाह दी थी. लिली ने जिन खिलाड़ियों को तेज़ गेंदबाज़ बनने से मना किया उनमें Sourav Ganguly भी शामिल थे.
  • 1995 में सचिन तेंदुलकर नकली मूंछ-दाढ़ी और चश्मा लगाकर फ़िल्म ‘रोजा’ देखने गए थे, लेकिन उनका चश्मा गिरते ही सिनेमा हॉल में मौजदू लोगों ने उन्हें पहचान लिया.
  • दिलचस्‍प तथ्‍य यह है कि सचिन जब कभी भी टीम के साथ बस में होते हैं तो वे हमेशा पहली पंक्ति में बायीं तरफ की खिड़की वाली सीट पर बैठते हैं।
  • सचिन तेंदुलकर 14 साल की उम्र में मुंबई की रणजी टीम में शामिल हुए. इतनी कम उम्र में मुंबई की Ranji Team में शामिल होने वाले वे पहले खिलाड़ी थे.
  • Sachin ने Pakistan के ख़िलाफ़ अपने पहले टेस्ट मैच में सुनील गावस्कर से उपहार में मिले पैड्स को पहन कर खेला था.
  • 1996 के विश्वकप में सचिन के बल्ले पर किसी भी कंपनी का लोगो नहीं था. विश्वकप के तुरंत बाद टायर बनने वाली कंपनी MRF ने उनसे करार कर लिया था.
  • सचिन तेंदुलकर ने रणजी, दलीप और ईरानी ट्राफ़ी के अपने पहले ही मैचों में शतक जमाए. ऐसा करने वाले वे भारत के एकमात्र बल्लेबाज़ हैं. उनका यह रिकॉर्ड आज तक कोई नहीं तोड़ पाया है.
  • सचिन ने अपने ज्यादातर बड़े स्कोर गोकुलाष्टमी, होली, रक्षा बंधन और दीपावली जैसे भारतीय त्योहारों पर ही बनाए हैं।
  • सचिन ने अपने टेस्ट करियर में कभी तीसरे क्रम पर बल्लेबाजी नहीं की। बतौर सेकंड ओपनर वे कुल 1 बार उतरे।
  • सचिन के नाम एक खास रिकॉर्ड दर्ज है। वे जिस भी Ranji Match में खेले हैं, उनकी टीम हर बार विजयी रही है।
  • एकमात्र रणजी मैच जिसमें सचिन हारी हुई मुंबई टीम का हिस्सा थे वह Haryana के खिलाफ था।
  • एक बार सचिन छत पर खेल रहे थे तभी ऊपर से एक हैलीकाॅपटर गुजरा ओर उनकी उंगली कट गई।
  • यह बेहद कम लोग ही जानते हैं कि सचिन तेंदुलकर अपने पिता रमेश तेंदुलकर की दूसरी पत्‍नी के पुत्र है। रमेश तेंदुलकर की पहली पत्‍नी से तीन संताने हुई, अजीत, नितिन और सविता तीनों सचिन से बड़े है।
  • सचिन के पिता रमेश तेंदुलकर प्रसिद्ध संगीतकार सचिन Dev Burman के बहुत बड़े फ़ैन थे. उन्होंने अपने बेटे का नाम भी उन्हीं के नाम पर रखा.
  • स्कूल टाइम में सचिन अपने दोस्तों के साथ वड़ा पाव खाने का कॉम्पीटीशन रखते थे। विनोद कांबली को वे कई बार इस रेस में हरा चुके हैं।
  • स्कूली जीवन में उनके अच्छे दोस्त अतुल रानाडे ने उनके घुंघराले बालों के कारण उन्हें लड़की समझ लिया था।
  • बचपन में यदि सचिन नेट्स में पूरा सत्र बिना आउट हुए खेल लेते, तो उनके कोच ‘रमाकांत अचरेकर’ उन्हें एक सिक्का देते थे. सचिन के पास ऐसे 13 सिक्के हैं.
टेस्ट मैच रिकॉर्ड्स – 

सचिन तेंदुलकर जी ने अपने करियर में करीब 200 टेस्ट मैच खेले हैं जिसमें उन्होंने 51 सेंचुंरी और करीब 68 हॉफ सेंचुरी बनाई हैं।

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वन डे मैच रिकॉर्ड्स 
मास्टर ब्लास्टर सचिन जी ने अपने करियर में करीब 463 वन डे मैच खेले हैं, जिसमें उन्होंने 49 सेंचुरी मारने का शानदार रिकॉर्ड बनाया है।
IPL मैच रिकॉर्ड्स – IPL Match Record



सचिन जी ने IPL मैच में भी शानदार पारी खेली है, उन्होंने अपने करियर में करीब 78 मैच खेले हैं।
क्रिकेट से संयास – Sachin Tendulkar Retirement
देश के दिग्गज खिलाड़ी मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर ने 23 दिसम्बर को 2012 को वन-डे क्रिकेट से सन्यास लेने की घोषणा की थी और जनवरी 2013 में मुंबई के अपने आखिरी टेस्ट मैच में 74 रनों की शानदार पारी खेलते हुए क्रिकेट को हमेशा के लिए अलविदा कह दिया।
उनके लाखों फैन का दिल टूट गया। आपको बता दें कि वे अपने क्रिकेट करियर में करीब 34 हजार रन और 100 सेंचुरी बनाने वाले पहले खिलाड़ी हैं, उनके इस रिकॉर्ड को अभी तक कोई खिलाड़ी नहीं तोड़ सका है।

सचिन तेन्दुलकर जी को मिले सम्मान और पुरस्कार – Sachin Tendulkar Awards
  • मास्टर ब्लास्टर सचिन तेन्दुलकर ने क्रिकेट की दुनिया में अपनी एक अलग पहचान बनाई है। सचिन तेन्दुलकर जी ने क्रिक्रेट में न सिर्फ कई रिकॉर्ड्स तोड़े हैं, बल्कि कुछ नए रिकॉर्ड्स भी बनाएं हैं। जहां हॉफ सेंचुरी मारने में ही खिलाड़ियों के पसीने छूट जाते हैं, वहीं कई बार सचिन तेंदुलकर जी ने सेंचुरी और डबल सेंचुरी तक बनाई है एवं कई बार मेन ऑफ द मैच का भी खिताब जीता है।
  • उनकी अद्भुत क्रिक्रेट खेल प्रदर्शन के चलते उन्हें कई पुरस्कार और मैडल से भी नवाजा जा चुका है। यहीं नहीं भारत सरकार द्दारा भी उन्हें राष्ट्रीय पुरस्कार से भी सम्मानित किया जा चुका है। उन्हें दिए गए सम्मान और पुरस्कार इस प्रकार हैं-
  • साल 2013 में देश के दिग्गज क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर जी को भारत सरकार द्धारा देश के सर्वोच्च नागकरिक पुरस्कार ”भारत रत्न” दिया गया था। इसी के साथ वे इस सम्मान को प्राप्त करने वाले देश के सबसे कम उम्र के वे प्रथम खिलाड़ी बन गए थे।
  • साल 1999 में उन्हें पदमश्री पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।
  • साल 1997 में भी मास्टर ब्लास्टर को उनके बेहतरीन खेल प्रदर्शन के लिए राजीवगांधी खेलरत्न पुरस्कार से नवाजा गया था। वे इस पुरस्कार को पाने वाले पहले क्रिकेटर हैं।
  • साल 2008 में मास्टर ब्लास्टर जी को पद्म विभूषण सम्मान से नवाजा गया था।
  • इसके अलावा सचिन तेंदुलकर जी को 1994 में अर्जुन पुरस्कार, 2001 में  महाराष्ट्र भूषण पुरस्कार, 2010 में एल जी पीपल्स च्वॉइस अवॉर्ड , 2011 में BCCI क्रिकेटर ऑफ द ईयर समेत अन्य कई प्रतिष्ठित पुरस्कारों से नवाजा जा चुका है।
  • यही नहीं उनकी अद्भुत खेल प्रतिभा को देखते हुए भारतीय पोस्टल सर्विस ने मास्टर ब्लास्टर  का एक डाक टिकट भी जारी किया था। वे महान समाजसेवी मदर टेरेसा के बाद दूसरे भारतीय थे, जिनके जीते जी डाक टिकट जारी किया गया।
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Sachin Tendulkar Flying Indian Flag


सचिन तेंदुलकर जी ने न सिर्फ अपनी अद्भुत खेल प्रतिभा से सफलता की असीम ऊंचाइयों को छुआ, बल्कि भारत को पूरी दुनिया भर में गौरान्वित किया है, सचिन तेंदुलकर पर हर भारतीय को गर्व है।
     तो फ्रेंड्स ,, सचिन तेंदुलकर की success story आपको काफी अच्छी लगी होगी. क्यूंकि सचिन तेंदुलकर एक महान क्रिकेट बल्लेबाज़ हैं. ऐसे लोगो की जीवनी पढने से हमे भी काफी उत्साहित और गौरवान्वित मह्शूश करते हैं. तो दोस्तों आप मेरे वेबसाइट LokeshTrix को डेली विजिट कीजिये और अपने दोस्तों के साथ शेयर भी कीजिये, धन्यवाद..