26 जनवरी (गणतंत्रता दिवस) पर भाषण कैसे दें। Republic day (गणतंत्रता दिवस) speech In hindi 2020 Lokeshtrix


हर वर्ष 26 जनवरी को हमारे देश में गणतंत्र दिवस के रूप में मनाया जाता है। हम सभी देशवासियों को भारत का नागरिक होने का गर्व है। 26 जनवरी 1950 को हमारा देश एक प्रजातान्त्रिक गणतंत्र देश बना था। 26 जनवरी 1950 को ही हमारे देश में संविधान लागू हुआ था। 
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1.  26 January speech in hindi 

मंच पर पहुंचते ही सबसे पहले वंदे मातरम्, भारत माता की जय कहें, उसके बाद बोलें, आदरणीय प्रधानाचार्य, मैडम सर और सभी साथियों को मेरा नमस्कार।
         आज हम सभी यहां बेहद खास अवसर पर 70वां गणतंत्र दिवस मनाने इकट्ठा हुए हैं। भारत के लिए गणतंत्र दिवस केवल एक पर्व नहीं, बल्कि गौरव और सम्मान है। यह दिवस हर भारतीय का अभिमान है, अनगिनत लोगों की कुर्बानी के बाद भारत मां को 15 अगस्त 1947 को आजादी मिली थी, लेकिन उसे स्वतंत्रता का आकार 26 जनवरी 1950 को मिला, क्योंकि इसी दिन हमारा संविधान लागू हुआ था।
भारत का संविधान एक लिखित संविधान है। हमारे संविधान को बनने में 2 साल 11 महीने और 18 दिन का समय लगा था। 395 अनुच्छेदों और 8 अनुसूचियों के साथ भारतीय संविधान दुनिया में सबसे बड़ा लिखित संविधान है। 26 जनवरी 1950 को डॉ. राजेन्द्र प्रसाद ने गवर्नमेंट हाउस के दरबार हॉल में भारत के पहले राष्ट्रपति के रूप में शपथ ली थी। भारत के पहले गणतंत्र दिवस के मुख्य अतिथि इंडोनेशिया के राष्ट्रपति सुकर्णो थे।
'गणतंत्र' का अर्थ है- देश में रहने वाले लोगों की सर्वोच्च शक्ति और सही दिशा में देश के नेतृत्व के लिए राजनीतिक नेता के रूप में अपने प्रतिनिधि को चुनने के लिए केवल जनता के पास अधिकार है। इसलिए भारत एक गणतंत्र देश है, जहां आम जनता अपना नेता, प्रधानमंत्री के रूप में चुनती है। भारत में 'पूर्ण स्वराज' के लिए हमारे महान भारतीय स्वतंत्रता सेनानियों ने बहुत संघर्ष किया। उन्होंने अपने प्राणों की आहुति दी जिससे कि हमारी आने वाली पीढ़ी को कोई संघर्ष न करना पड़े और हम देश को आगे लेकर जा सकें।
       हमारे देश के महान नेता और स्वतंत्रता सेनानी महात्मा गांधी, भगत सिंह, चन्द्रशेखर आजाद, लाला लाजपत राय, सरदार वल्लभ भाई पटेल, लाल बहादुर शास्त्री आदि हैं। भारत को एक आजाद देश बनाने के लिए इन लोगों ने अंग्रेजों के खिलाफ लगातार लड़ाई लड़ी। अपने देश के लिए हम इनके समर्पण को कभी नहीं भूल सकते हैं। हमें ऐसे महान अवसरों पर इन्हें याद करते हुए सलामी देनी चाहिए। केवल इन लोगों की वजह से ये मुमकिन हुआ कि हम अपने दिमाग से सोच सकते हैं और बिना किसी दबाव के अपने राष्ट्र में मुक्त होकर रह सकते हैं।
          डॉ. अब्दुल कलाम ने कहा है कि अगर एक देश भ्रष्टाचार मुक्त होता है तो सुंदर मस्तिष्क का एक राष्ट्र बनता है। उनका मानना था कि 3 प्रधान सदस्य हैं, जो अंतर पैदा कर सकते हैं। वे हैं- माता, पिता और एक गुरु। भारत के एक नागरिक के रूप में हमें इसके बारे में गंभीरता से सोचना चाहिए और अपने देश को आगे बढ़ाने के लिए सभी मुमकिन प्रयास करना चाहिए। हमें जिम्मेदारी लेनी चाहिए तथा सामाजिक मुद्दों जैसे गरीबी, बेरोजगारी, अशिक्षा, ग्लोबल वॉर्मिंग, असमानता आदि से अवगत रहना चाहिए और अपने स्तर पर योगदान देना चाहिए।
गणतंत्र दिवस के मौके पर राजपथ पर तिरंगा फहराया जाता है। फिर राष्ट्रगान गाया जाता है और 21 तोपों की सलामी होती है। 1957 में सरकार ने बच्चों के लिए 'राष्ट्रीय बहादुरी पुरस्कार' शुरू किया था। बहादुरी पुरस्कार 16 साल से कम उम्र के बच्चों को अलग-अलग क्षेत्र में बहादुरी के लिए दिया जाता है। गणतंत्र दिवस के मौके पर अशोक चक्र और कीर्ति चक्र जैसे महत्वपूर्ण सम्मान दिए जाते हैं। इसके बाद हमारी सेना अपना शक्ति प्रदर्शन और परेड मार्च करती है।
और अंत में...
धन्यवाद, जय हिन्द...!





2. 26 january speech hindi 

मंच पर पहुंचते ही सबसे पहले वंदे मातरम्, भारत माता की जय कहें, उसके बाद बोलें, आदरणीय प्रधानाचार्य, मैडम सर और सभी साथियों को मेरा नमस्कार।

मेरा नाम ..... है, मैं क्लास ..... में पढ़ता हूं। जैसा कि हम सभी जानते हैं आज हम सब यहां अपने देश के बहुत ही विशेष अवसर पर गणतंत्र दिवस के लिए उपस्तिथ हुए हैं। आज भारत अपना 71वां गणतंत्र दिवस मना रहा है।

मैं गणतंत्र दिवस के इस बड़े अवसर पर हमारे देश के बारे में कुछ कहने के लिए काफी उत्साहित हूं। आज हम सभी अपने राष्ट्र का 71 वां गणतंत्र दिवस मनाने के लिए यहां आए हैं। 15 अगस्त 1947 से भारत को स्वतंत्रता मिली, जिसे स्वतंत्रता दिवस के रूप में मनाया जाता है।

           भारत की संविधान सभा में 24 नवंबर 1947 को भारत का संविधान पारित हुआ। लेकिन 26 जनवरी 1950 को भारत का संविधान लागू हुआ, इसलिए हम 26 जनवरी को हर साल भारत के गणतंत्र दिवस के रूप में मनाते हैं। और 24 नवंबर को संविधान दिवस के रूप में मनाते हैं।


गणतंत्र का मतलब देश में रहने वाले लोगों की सर्वोच्च शक्ति है और देश को सही दिशा में ले जाने के लिए एक राजनीतिक नेता के रूप में अपने प्रतिनिधियों का चुनाव करने का अधिकार केवल जनता को है। इसलिए, भारत एक गणतंत्र देश है।

जहाँ हम लोग अपने नेताओं को राष्ट्रपति, प्रधान मंत्री, आदि के रूप में चुनते हैं। हमारे महान भारतीय स्वतंत्रता सेनानियों ने हमारी स्वतंत्रता को वापस पाने के लिए बहुत संघर्ष किया है। उन्होंने संघर्ष किया है ताकि उनकी आने वाली पीढ़ी बिना संघर्ष के जी सके और देश को आगे बढ़ा सके।

गणतंत्र दिवस कैसे मनाते हैं ?


हर साल भारत के प्रधानमंत्री राजपथ पर भारतीय ध्वज फहराने के लिए एक मुख्य अतिथि होते हैं। फिर हम सभी अपने राष्ट्रीय ध्वज को सलामी देने के लिए खड़े होते हैं और अपना राष्ट्रगान गाते हैं जिसे एक महान कवि रवींद्रनाथ टैगोर ने लिखा है।

शहीदों को पुष्पांजलि

भारत की संस्कृति और परंपरा को दिखाने के लिए भारत की तीनों सेना परेड में हिस्सा लेती है। इस अवस पर हम दूसरे देश के मुख्य अतिथि को भी आमंत्रित करते हैं। यह भारत के राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और भारतीय सशस्त्र बलों के प्रमुख कमांडर अमर जवान ज्योति, इंडिया गेट पर बलिदान हुए भारतीय सैनिकों को पुष्पांजलि देते हैं।

भारत का इतिहास क्या है ?

हमारे महान स्वतंत्रता सेनानियों और भारतीय नेताओं के नाम महात्मा गांधी, भगत सिंह, चंद्र शेखर आज़ाद, लाला लाजपत राय, सरदार वल्लभ भाई पटेल, लाल बहादुर शास्त्री आदि हैं। इन्होने भारत को आजादी दिलाने के लिए ब्रिटिश शासन के खिलाफ लड़ाई लड़ी।

देश के लिए उनके बलिदान को कोई कभी नहीं भूल सकता। इन महान अवसरों पर, हम हमेशा उन्हें याद करते हैं और उन्हें सलाम करते हैं। हमें उनकी वजह से यह आज़ादी मिली। अब हम अपने राष्ट्र में स्वतंत्र रूप से रह सकते हैं।

भारत के पहले राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद थे जिन्होंने कहा था कि यह बहुत दुःख की बात है कि हमें आजादी तो मिल गई लेकिन हम अब अब भी जाति, अपराध, भ्रष्टाचार और हिंसा से लड़ रहे हैं। हमें एक भारत श्रेष्ट भारत की तरफ बढ़ना है।

धन्यवाद...

जय हिन्द, भारत माता की जय...


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